माँ शारदा मंदिर, मैहर मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है और यह मंदिर भारतीय उपमहाद्वीप में शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहाँ पर माँ शारदा की उपासना की जाती है और यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि में भक्तों से भरा हुआ रहता है।
माँ शारदा मंदिर का इतिहास | History of Maa Sharda Temple
माँ शारदा मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। कहा जाता है कि जब भगवान शिव अपनी पत्नी सती के शरीर को लेकर विचरण कर रहे थे, तब सती की एक अंगुली इस स्थान पर गिरी थी। इसी कारण इसे शक्तिपीठ माना जाता है।
माँ शारदा मंदिर कहाँ है? | Where is Maa Sharda Temple?
माँ शारदा मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है। यह मंदिर सतना शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। मंदिर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है, जो सतना से लगभग 500 मीटर की ऊँचाई पर है। यह मंदिर शहर के मध्य भाग में है और यहाँ से आस-पास के स्थलों का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।
माँ शारदा मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय
माँ शारदा मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है। इस समय में मौसम सुहावना और पहाड़ों पर बर्फ नहीं होती है। और यात्रा करने में आसानी होती है।
माँ शारदा मंदिर कैसे पहुंचें? | माँ शारदा मंदिर पहुंचने के विभिन्न तरीके
मोड | मार्ग | दूरी | समय | लागत (लगभग लागत सीमा) |
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कार | भोपाल से मैहर | 500किमी | 10-12 घंटे | रु 5000-7000 |
बस | जबलपुर से मैहर | 230किमी | 8-10 घंटे | रु 300-500 |
ट्रेन | निकटतम स्टेशन: मैहर | – | – | – |
हवाई | भोपाल एयरपोर्ट, फिर सड़क | 230 किमी | 5 घंटे | ₹2000-₹5000 फ्लाइट, ₹1000-₹2000 सड़क |
माँ शारदा मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
- यहाँ माँ शारदा की प्राचीन मूर्ति स्थापित है जो अत्यंत पवित्र मानी जाती है।
- यह शारदा पीठ के अंतर्गत एक शक्तिपीठ है।
- यहाँ का आर्किटेक्चर बहुत सुंदर है।
- नवरात्रि में यहाँ बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
- यहाँ संगीत और कला की परंपरा रही है।
माँ शारदा मंदिर से 10 प्रमुख स्थानों की दूरी
स्थान | दूरी |
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भोपाल | 230 किमी |
इंदौर | 197 किमी |
जबलपुर | 169 किमी |
पन्ना | 146 किमी |
सतना | 120 किमी |
उज्जैन | 230 किमी |
ग्वालियर | 278 किमी |
क्षेत्रपाल मंदिर | 22 किमी |
सागर | 65 किमी |
दमोह | 75 किमी |
माँ शारदा मंदिर के आस-पास के प्रमुख आकर्षण
- मैहर गढ़ – यह किला माँ शारदा मंदिर के पास ही स्थित है।
- सतदेव मंदिर – यह प्राचीन शिव मंदिर मैहर में स्थित है।
- बड़े बाबा का मंदिर – यह मंदिर माँ शारदा मंदिर से 12 किमी दूर है।
- मथुरादास मंदिर – यह मंदिर संत मथुरादास को समर्पित है।
- बीना नदी – यह नदी मैहर से बहती है।
माँ शारदा मंदिर के बारे में अन्य रोचक तथ्य
- माँ शारदा मंदिर को “पूर्व का काशी” भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में माता सरस्वती की एक पवित्र प्रतिमा है।
- माँ शारदा मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। हर साल हजारों लोग इस मंदिर की यात्रा करते हैं।
- माँ शारदा मंदिर में एक विशाल पुस्तकालय है, जिसमें हजारों पांडुलिपियाँ हैं।
- माँ शारदा मंदिर के पास एक आश्रम है, जहाँ लोग ध्यान और योग का अभ्यास करते हैं।
माँ शारदा मंदिर का 12 महीने का औसत तापमान
माँ शारदा मंदिर का तापमान पूरे साल में बहुत बदलता रहता है। गर्मियों में, तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। सर्दियों में, तापमान -10 डिग्री सेल्सियस से -20 डिग्री सेल्सियस के बीच गिर सकता है।
महीना | तापमान |
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जनवरी | 10 से 23 डिग्री सेल्सियस |
फरवरी | 12 से 28 डिग्री सेल्सियस |
मार्च | 16 से 31 डिग्री सेल्सियस |
अप्रैल | 21 से 36 डिग्री सेल्सियस |
मई | 25 से 41 डिग्री सेल्सियस |
जून | 25 से 41 डिग्री सेल्सियस |
जुलाई | 23 से 32 डिग्री सेल्सियस |
अगस्त | 23 से 30 डिग्री सेल्सियस |
सितंबर | 22 से 31 डिग्री सेल्सियस |
अक्टूबर | 17 से 30 डिग्री सेल्सियस |
नवंबर | 13 से 27 डिग्री सेल्सियस |
दिसंबर | 10 से 24 डिग्री सेल्सियस |
माँ शारदा मंदिर का क्या महत्व है?
माँ शारदा मंदिर हिंदुओं के लिए एक पवित्र मंदिर है। इस मंदिर में माता सरस्वती की एक पवित्र प्रतिमा है, जो ज्ञान और विद्या की देवी हैं। इस मंदिर में हजारों साल पुरानी पांडुलिपियाँ भी हैं, जो इस मंदिर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाती हैं।
माँ शारदा मंदिर की यात्रा कितने दिनों की है?
माँ शारदा मंदिर की यात्रा आमतौर पर दो से तीन दिनों की होती है। आप पहले दिन सतना शहर में घूम सकते हैं, दूसरे दिन त्रिकूट पर्वत पर माँ शारदा मंदिर जा सकते हैं, और तीसरे दिन आसपास के अन्य दर्शनीय स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।
माँ शारदा मंदिर में क्या-क्या करना चाहिए?
माँ शारदा मंदिर में आप निम्नलिखित गतिविधियाँ कर सकते हैं:
- माँ शारदा मंदिर में दर्शन करना
- मंदिर परिसर में घूम