Travel guide

Welcome to livepahadi.com

No ratings yet.

मैक्लोडगंज कैसे पहुंचे? | बेस्ट टाइम | प्रसिद्ध स्थान

मैक्लोडगंज कैसे पहुंचे? | सबसे अच्छा समय | प्रसिद्ध स्थान | खाने की कीमत

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित मैक्लोड गंज एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जीवंत तिब्बती संस्कृति और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यदि आप मैक्लोड गंज की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यहां वह सब कुछ है जो आपको जानना आवश्यक है:

मैक्लोडगंज की विस्तार में जानकारी?

दोस्तों मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला से लगभग 5 किलोमीटर ऊंचाई पर बसा हुआ एक मुख्य हिल स्टेशन है। जो ट्रैकिंग और एडवेंचरस लवर्स लोगों के बीच काफी फेमस है। यहां का कल्चर कुछ ब्रिटिश और कुछ तिब्बती कल्चर का कॉन्बिनेशन है। इसके अलावा मैकलोडगंज तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के घर होने के कारण दुनिया भर में मशहूर है।

मैकलोडगंज में घूमने का सबसे अच्छा समय कोन सा है?

मैक्लोड गंज घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर तक है। इन महीनों के दौरान, मौसम सुहावना होता है, और आप ट्रेकिंग, कैंपिंग और दर्शनीय स्थलों की यात्रा जैसी विभिन्न बाहरी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। हालाँकि, यदि आप बर्फबारी देखना चाहते हैं, तो आप जनवरी या फरवरी में मैक्लोड गंज की यात्रा कर सकते हैं। वहीं अगर बात करें मैकलोडगंज के लिए कितने दिन का ट्रिप प्लान करना चाहिए तो इसके लिए तीन से चार दिनका ट्रिप काफी है। अच्छे से घूमने के लिए।

मैक्लोडगंज कैसे पहुंचे? | सबसे अच्छा समय | प्रसिद्ध स्थान | खाने की कीमत
मैक्लोडगंज कैसे पहुंचे? | सबसे अच्छा समय | प्रसिद्ध स्थान | खाने की कीमत

मैकलोडगंज कैसे पहुंचे ?

मैक्लोड गंज का निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है, जो लगभग 20 किमी दूर है। हवाई अड्डे से मैक्लोड गंज पहुंचने के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं या निजी कार किराए पर ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जो लगभग 90 किमी दूर है। पठानकोट से आप मैक्लोड गंज पहुंचने के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।

दोस्तों के लिए सबसे पहले जान लेते हैं कि आप मैकलोडगंजबस ट्रेन फ्लाइट या टैक्सी आप इनमें से किसी भी माध्यम द्वारा मैकलोडगंज तक पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से मैक्लोडगंज कैसे जाएं?

सबसे पहले बात करें ट्रेन द्वारा तो मैक्लोडगंज का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट कैंट है। पठानकोट रेलवे स्टेशन तक देश के किसी भी हिस्से से ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। क्योंकि पठानकोट जम्मू रूट पर पड़ता है। और यह ट्रेन रूट देश के लगभग सभी मेन शहरों से किसी न किसी ट्रेन द्वारा सीधा और वेल कनेक्टेड है। पठानकोट रेलवे स्टेशन से मैकलोडगंज लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर है। और स्टेशन पहुंचने के बाद आप 90 किलोमीटर की इस दूरी को बस या टैक्सी द्वारा 2.5 घंटे से 3 घंटे के सफर के बाद पूरा कर सकते हैं. यहां लोकल बस का किराया लगभग ₹150 और प्राइवेट टैक्सी का किराया लगभग ₹2000 से ₹2500 तक होता है।

बस से मैक्लोडगंज कैसे जाएं?

अब बात करें बाई रोड से मैकलोडगंज पहुंचने की तो। दिल्ली से मैकलोडगंज की दूरी लगभग 480 किलोमीटर है। तो अगर आप दिल्ली या इसके आसपास के शहरों से जा रहे हैं। तो मैकलोडगंज के लिए दिल्ली से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है। जिनमें एचआरटीसी वोल्वो, प्राइवेट वोल्वो और साधारण बस शामिल है। जो शाम को 8:00 से 9:00 बजे दिल्ली से चलती है। और मैकलोडगंज सुबह 7:00 से 8:00 बजे पहुंच जाती हैं। ओर पूरी जरनी 10 से 12 घंटों की होती है होता है।

ओर वॉल्वो का 14 सो रुपए और साधारण रोडवेज की बस का किराया लगभग ₹700 होता है। लेकिन अगर आप 600 से 700 किलोमीटर की अधिक दूरी से मैकलोडगंज पहुंचना चाहते हैं। तो आपके लिए ट्रेन ही बेहतर विकल्प होगा। इसके अलावा आप पर्सनल कार से जाना चाहते हैं। तो दिल्ली से मैकलोडगंज के सफर के दौरान और ड्राइव करते हुए खूबसूरत दृश्य के मजे लेते हुवे आप मैकलोडगंज पहुंच सकते हैं।

हवाई जहाज से मैक्लोडगंज कैसे जाएं?

अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो कांगड़ा एयरपोर्ट मैकलोडगंज का सबसे नजदीक एयरपोर्ट है। जो करीब 18 किलोमीटर दूर है। लेकिन देश के कुछ एयरपोर्ट से कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए डायरेक्ट फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है। तो अगर आपके शहर से कांगड़ा एयरपोर्ट तक फ्लाइट सुविधा उपलब्ध ना हो। तो आप दिल्ली पहुंच कर उसके बाद आगे की मैकलोडगंज तक की जर्नी बस, टैक्सी, या फ्लाइट द्वारा पूरी कर सकते हैं।

मैक्लोडगंज में कहाँ रुके?

दोस्तों मैकलोडगंज में ठहरने के लिए आपके पास दो ऑप्शन हैं। पहला आप रुक सकते है मैन स्क्वेयर मार्केट में और दूसरा भाग सुनग में इन दोनों ही जगह की दूरी 2 किलोमीटर है। और दोनों ही जगहों पर लोकल प्लेसिस को विजिट करने के लिए टैक्सी स्टैंड ओर खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट्स, और शॉपिंग के लिए मार्केट अवेलेबल है।

ओर रूम रेंट की बात करू तो दोनों ही जगहों पर लगभग ₹800 से ₹2500 तक अलग-अलग बजट के हिसाब से होटल के रूम अवेलेबल हैं। आप अपने बजट और कन्वीनियंस के हिसाब से अपने लिए एक अछे होटल का चुनाव कर सकते हैं।

मैक्लोडगंज या धर्मशाला कोन सबसे अच्छा है ?

धर्मशाला और मैक्लोड गंज दो अलग-अलग शहर हैं, लेकिन उन्हें अक्सर एक ही गंतव्य के रूप में माना जाता है। धर्मशाला मुख्य शहर है, जबकि मैक्लोड-गंज लगभग 9 किमी दूर स्थित एक उपनगर है। दोनों जगहों का अपना आकर्षण और आकर्षण है, लेकिन यदि आप अधिक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश कर रहे हैं, तो मैक्लोड गंज बेहतर विकल्प है। दूसरी ओर, यदि आप साहसिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं या स्थानीय बाजारों का पता लगाना चाहते हैं, तो धर्मशाला बेहतर विकल्प है।

मैक्लोडगंज में स्थित प्रसिद्ध जगह?

दोस्तों अब घूमते है यह के सबसे प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेसिस को। यहां के टैक्सी स्टैंड से आप लोकल टैक्सी को बुक कर के लगभग सभी लोकल प्लेसिस को घूम सकते हैं। ओर यहां टैक्सी किराया लगभग ₹2500 से ₹3000 देखने को मिलेगा।

  • भागसुनाग टेंपल या वॉटरफॉल : भागसुनाग वॉटरफॉल मैकलोडगंज के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। इसलिए मैकलोडगंज घूमने आए सभी टूरिस्ट इस जगह को जरूर विजिट करते हैं। यहां आप नेचर का मजा लेते हुए शांति के कुछ पल बिता सकते हैं। फैमिली और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह एक परफेक्ट प्लेस है। यहां पहुंचने के लिए 1 से 2 किलोमीटर का ट्रैक भी करना पड़ता है। वहीं भागसुनाग मंदिर का स्थान भी ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पहाड़ियों से घिरा हुआ है। जिसको देखने के लिए काफी संख्या में टूरिस्ट आते हैं।
  • दलाई लामा टेंपल : दलाई लामा टेंपल अध्यात्म और शांतिपूर्ण ध्यान के लिए यह टेंपल एक परसेंट प्लेस है। यहां भारत और तिब्बत के कल्चर का मिश्रण देखने को मिलता है। दलाई लामा टेंपल अपनी सुंदरता, बुध की मूर्ति उनके उपदेशों, और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के निवास स्थान के लिए प्रसिद्ध है। द
  • त्रियउन्ड ट्रैक : त्रियउन्ड ट्रैक मैक्लोडगंज में एक छोटा और आसान से लगभग ट्रेक है, ओर मैकलोड़ गंज से लगभग 2 किलोमीटर आगे धर्मकोट से शुरू होता है। ट्रैकिंग लवर दोस्तों के लिए यह एक परफेक्ट प्लेस है। इस ट्रैक के दौरान आप पहाड़ों की खूबसूरती के अलावा कांगड़ा वैली के ब्यूटीफुल दृश्य को भी देख सकते हैं। ट्रैकिंग के बाद इसके टॉप पर पहुंचने पर रात को कैंपिंग के दौरान यहां का नजारा अद्भुत दिखाई देता है।
  • दल झील : दल झील मैकलोडगंज में नद्दी रोड पर पहाड़ों ओर विशाल देवदार के पेड़ों से गिरी हुई एक छोटी सी झील है। सिटी सेंटर से लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दल झीलमैक्लोडगंज का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। टूरिस्ट यहाँ पिकनिक मनाने और बोटिंग का मजा लेने के लिए भी आते हैं।
  • कांगड़ा फोर्ट : कांगड़ा फोर्ट देश के सबसे पुराने किलो में से एक है। जो धर्मशाला से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ओर अपने प्राचीन इतिहास ओर राजनीतिक विरासत ओर वास्तुकला की झलक प्रदान करता है।
  • दोस्तों इन सबके अलावा भी मैकलोडगंज और धर्मशाला में घूमने के लिए कई और फेमस टूरिस्ट प्लेसिस हैं। जहां आप विजिट कर सकते हैं। जैसे धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम, नाम ज्ञान मठ, और सेंट जॉन चर्च, आदि।

मैकलोडगंज में खाने-पीने में कितना खर्चा होता है?

मैकलोडगंज ओर इसके आसपास में भागसुनाग ओर धर्मकोट सहित सभी स्थानों पर कई अच्छे रेस्टोरेंट ओर केफे उपलब्ध हैं। जिनमें आपको हिमाचल के लोकल भोजन के साथ-साथ उत्तर भारत का खाना भी मिल जाएगा। जिनमे 1 थाली की एवरेज कॉस्ट लगभग ₹200 से ₹250 रुपए देखने को मिल जाएगी।

मैक्लोडगंज के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?

मैकलॉड गंज को ठीक से घूमने के लिए, आपको कम से कम 3-4 दिनों तक रहने की योजना बनानी चाहिए। इस समय के दौरान, आप भागसू जलप्रपात, डल झील और तिब्बती संग्रहालय जैसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों की यात्रा कर सकते हैं। आप ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और कैंपिंग जैसी कुछ साहसिक गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।

धर्मशाला से मैक्लॉडगंज की दूरी

धर्मशाला और मैक्लोड गंज के बीच की दूरी लगभग 9 किमी है। धर्मशाला से मैक्लोड गंज पहुंचने के लिए आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या स्थानीय बस ले सकते हैं।

मैक्लोड गंज निकटतम रेलवे स्टेशन

मैक्लोड गंज का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जो लगभग 90 किमी दूर है। पठानकोट से आप मैक्लोड गंज पहुंचने के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।

अंत में, प्रकृति, रोमांच और आध्यात्मिकता से प्यार करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मैक्लोड गंज एक ज़रूरी गंतव्य है। इस गाइड का पालन करके, आप मैक्लोड गंज की अपनी यात्रा की योजना बना सकते हैं और अपनी यात्रा का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *