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मथुरा कैसे पहुचे? | सबसे अच्छा समय

मथुरा कैसे पहुचे? | सबसे अच्छा समय | 10 घूमने की जगह

स्वागत है आपका हमारे आज के विशेष लेख में, जहां हम आपको भारत के एक अत्यंत प्रमुख और पवित्र स्थल – मथुरा के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। मथुरा, जिसे हमारे धार्मिक इतिहास और संस्कृति की महत्वपूर्ण शहरी कड़ी के रूप में माना जाता है, उसकी यात्रा और वहां के आकर्षणों को समझने के लिए हमारे साथ बने रहें।

इस लेख में, हम विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे जैसे कि मथुरा की प्रसिद्धि, वहां पहुंचने के विभिन्न तरीके, विभिन्न यातायात साधनों के माध्यम से मथुरा कैसे पहुंचें, मथुरा में ठहरने की व्यवस्थाएं, यात्रा की लागत, यात्रा की अवधि, मथुरा के मुख्य दर्शनीय स्थल और वहां की भोजन सुविधाएँ। हम यह भी चर्चा करेंगे कि कैसे आप मथुरा से वृंदावन पहुंच सकते हैं और वृंदावन की यात्रा की अपेक्षित लागत। इसके अलावा, हम मथुरा के पुराने नाम और इतिहास पर भी प्रकाश डालेंगे।

चलिए, इस अनूठी और अनोखी यात्रा में हमारे साथ जुड़ें और मथुरा के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को समझने का एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त करें।

मथुरा से जुड़ी कुछ जानकारी

दोस्तों मथुरा दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश में भारत का काफी पुराना शहर है। यहां कई बड़े धार्मिक मंदिर मुख्य आकर्षण हैं। इस आध्यात्मिक नगरी मथुरा में देशभर से टूरिस्ट, भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा होली जैसे उत्सवों में विदेशी टूरिस भी बड़ी संख्या में मथुरा पहुंचते हैं।

मथुरा जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा होता है?

मथुरा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना होता है, जिससे घूमने और दर्शन करने का आनंद दोगुना हो जाता है।

महीनामौसमअनुशंसित
जनवरी – फरवरीसर्दी
मार्च – अप्रैलबहार
मई – जूनगर्मी
जुलाई – सितंबरबारिश
अक्टूबर – दिसंबरठंडा

मथुरा क्यों प्रसिद्ध है?

मथुरा, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण शहर, अपनी अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्वव्यापी प्रसिद्ध है। यह उन चुनिंदा भारतीय शहरों में से एक है जो अपनी पवित्रता और अतुल्य धार्मिक महत्व के लिए विशेष रूप से सम्मानित हैं।

मथुरा का अपना विशिष्ट स्थान है क्योंकि इसे हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है। यह शहर कई प्राचीन और विशाल मंदिरों का घर है, जिनमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर उल्लिखित है, जिसे भगवान कृष्ण के निश्चित जन्मस्थान के रूप में मान्यता दी गई है।

मथुरा कैसे पहुचे? | सबसे अच्छा समय | 10 घूमने की जगह
मथुरा कैसे पहुचे? | सबसे अच्छा समय | 10 घूमने की जगह

धार्मिक महत्व के परिप्रेक्ष्य में ही नहीं, मथुरा अपनी उत्कृष्ट व्यंजनों और मिठाइयों के लिए भी प्रसिद्ध है, जो न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पर्यटकों को भी मोहित करते हैं।

मथुरा की कलात्मक विरासत भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। शहर अपने हस्तशिल्प उत्पादों, विशेष रूप से “मथुरा शैली” के पीतल के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है, जो संग्राहकर्ताओं और कला प्रेमियों के बीच बहुत मांग है।

मथुरा किन किन माध्यम से जा सकते है?

मथुरा पहुंचने के लिए आपके पास तीन बड़े और मेन विकल्प हैं। जिनमें सबसे सस्ता और बेहतर पहला ऑप्शन है। जो हे ट्रेन का।

ट्रेन के माध्यम से मथुरा कैसे जाएं ?

मथुरा में दो रेलवे स्टेशन है। पहला मथुरा जंक्शन और दूसरा मथुरा कैंट। निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है। यह दोनों स्टेशन काफी नजदीकी है आप इन दोनों रेलवे स्टेशन में से किसी भी एक रेलवे स्टेशन तक अपने शहर ट्रेन की अवेलेबिलिटी चेक करके आ सकते हैं। पर्यटक यहां से बस या कैब द्वारा मथुरा/वृन्दावन घूम सकते हैं। 

कार, बस और टैक्सी के माध्यम से मथुरा कैसे जाएं?

मथुरा, दिल्ली से लगभग 150 से 160 किलोमीटर दूर है मथुरा जाने के लिए साधारण बसों के साथ-साथ वॉल्वो बसें भी दिल्ली से रेगुलर चलती हैं और अगर आप कार या अपने पर्सनल व्हीकल से तो मथुरा जाना चाहते है तो आप दिल्ली से यमुना एक्सप्रेस वे के होते हुए और सफर इंजॉय करते हुए ढाई से 3 घंटे में मथुरा पहुंच सकते हैं।

हवाई जहाज के माध्यम से मथुरा कैसे जाएं?

मथुरा का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट आगरा डॉमेस्टिक एयरपोर्ट है। अगर आगरा तक फ्लाइट नहीं मिलती तो आप दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक आ सकते हैं। फिर वहां से बाई रोड बस, कार या ट्रेन द्वारा मथुरा पहुंच सकते हैं।

मथुरा में कहां ठहरे? | मथुरा मे रुकने की व्यवस्था

मथुरा में बहुत अधिक होटल और धर्मशालाएं हैं। यहां धर्मशाला आपको ₹200 से लेकर ₹330 या ₹400 में मिल जाएगी। होटल का रेंट लगभग ₹800 से लेकर ₹2000 तक में आपको अच्छा होटल मिल जाएगा।

मथुरा जाने में कितना खर्चा आएगा?

मथुरा जाने के खर्च की गणना कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि:

  • आप कहाँ से यात्रा कर रहे हैं
  • आप किस प्रकार की सुविधाएँ चुनते हैं (जैसे विमान, ट्रेन या बस)
  • आपका ठहरने का स्थान (जैसे लग्जरी होटल, बजट होटल, धर्मशाला, आदि)
  • आप कितने दिन रहते हैं
  • आप कितनी जगहों को देखने जाते हैं
  • आपकी खान-पान की आदतें

सामान्य तौर पर, एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए, मथुरा जाने का एक औसतन खर्च 7,000 – 10,000 रुपये प्रति व्यक्ति हो सकता है, जिसमें यातायात, ठहरने का खर्च, भोजन और दर्शन का खर्च शामिल होता है। यात्रा का खर्च आपकी योजनाओं, इच्छाओं और बजट पर निर्भर करेगा।

क्या हम एक दिन में मथुरा की यात्रा कर सकते हैं?

हाँ, यदि आपकी योजना कुशलता से तैयार की गई है, तो आप एक दिन में मथुरा की यात्रा कर सकते हैं।यदि आप अपने दिन की शुरुआत सुबह जल्दी करते हैं, तो आप मथुरा के प्रमुख स्थलों को देख सकते हैं। यहाँ कृष्ण जन्मभूमि, द्वारकाधीश मंदिर, विश्राम घाट और कुसुम सरोवर जैसे स्थल शामिल हैं।

हालांकि, यदि आप वृंदावन, गोवर्धन, नन्दगांव, और बरसाना जैसे आसपास के स्थलों को भी देखना चाहते हैं, तो आपको अधिक समय या एक और दिन की आवश्यकता हो सकती है। एक-दिवसीय यात्रा की योजना करते समय, यात्रा के समय, भीड़-भाड़, और मंदिरों के दर्शन के घंटे को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होता है।

मथुरा में घूमने के लिए कितने दिन का ट्रिप प्लान करे?

मथुरा के मंदिरों में घूमने का सबसे अच्छा ऑप्शन है कि आप सभी टूरिस्ट प्लेसेस सहित मंदिरों में घूमने के लिए ऑटो प्राइवेट टैक्सी या फिर ई-रिक्शा बुक करके इनमें से किसी भी माध्यम से आप सभी प्लेसेस घूम सकते हैं।

वो आपको मथुरा के सभी मंदिरों में एक-एक करके घुमा देंगे। पर यहां एक ध्यान रखने वाली बात यह है। कि मथुरा के सभी मंदिर लगभग 12:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक बंद रहते हैं। लेकिन रात 8:00 से 9:00 बजे तक खुले रहते हैं। इसलिए अपना टूर इन के टाइम के अनुसार ही बनाए। आप मथुरा, वृंदावन, बरसाना गोकुल, नंदगांव और गोवर्धन परिक्रमा सहित इन सभी स्थानों को घूमने के लिए कम से कम 3 दिन का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। जिनमें आप इन 3 दिनों में आप सब कुछ कवर कर लेंगे।

मथुरा या वृंदावन में कौन सा बेहतर है?

मथुरा और वृंदावन, दोनों ही स्थान अपने खुद के अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाने जाते हैं, और दोनों ही कृष्ण की जीवनी के महत्वपूर्ण हिस्सों से जुड़े हुए हैं।

मथुरा कृष्ण की जन्मभूमि है, और यह उनके बाल्य और युवा जीवन की कई कथाओं से जुड़ा हुआ है। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, और विश्राम घाट जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं।

दूसरी ओर, वृंदावन कृष्ण और राधा की प्रेम कथा के साथ गहरे रूप से जुड़ा हुआ है, और यह कृष्ण के बाल्य के लीलाओं का स्थल भी है। यहाँ बांके बिहारी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, राधा रामन मंदिर, और प्रेम मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं।

आपका चयन आपकी रुचि, धार्मिक प्रावधान, और समय की उपलब्धता पर आधारित हो सकता है। यदि समय अनुमति देता है, तो मैं अनुशंसा करूंगा कि आप दोनों स्थलों का दौरा करें

मथुरा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है?

दोस्तों अब जनेगे मथुरा के प्रमुख मंदिरों और मैन टूरिस्ट अट्रैक्शन के बारे में जहां आपको जरूर जाना चाहिए।

  1. कृष्ण जन्मभूमि मंदिर: कृष्ण जन्मभूमि मथुरा की सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन के लिए यात्रा किया जाता है।
  2. द्वारकाधीश मंदिर: यह मथुरा के प्रमुख मंदिरों में से एक है, जिसमें श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित है।
  3. विश्राम घाट: यह यामुना नदी के किनारे स्थित है और यहाँ कृष्ण ने कांस को मारने के बाद विश्राम किया था।
  4. गोवर्धन पर्वत: इसे कृष्ण ने अपने कनिष्ठ अंगुष्ठ से उठाया था, इसे हर वर्ष लाखों यात्री दर्शन के लिए आते हैं।
  5. राधा कुंड: यह राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है, और यहाँ एक सुंदर कुंड है।
  6. कुसुम सरोवर: यह एक शांत और सुंदर स्थल है, जहाँ आप शांति से बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
  7. बांके बिहारी मंदिर: वृंदावन स्थित इस मंदिर में बांके बिहारी जी की अद्वितीय मूर्ति स्थापित है।
  8. गोपीनाथ मंदिर: इसे राधा कृष्ण के प्रेम की निशानी के रूप में देखा जाता है।
  9. नन्दगाँव: यह कृष्ण का बचपना बिताने की जगह है, और यहां से गोवर्धन पर्वत का अद्वितीय दृश्य देखा जा सकता है।
  10. बरसाना: यह राधा रानी का जन्म स्थान है, और यहां होली का धूमधाम से मनाया जाता है।

मथुरा में रुकने के लिए धर्मशाला

मथुरा में कई धर्मशालाएं हैं जहाँ आप ठहर सकते हैं। ये धर्मशालाएं आपको आरामदायक और साधारणतः सस्ती ठहरने की व्यवस्था प्रदान करती हैं। यहां कुछ ऐसी धर्मशालाएं हैं:

  1. Gita Ashram: यह धर्मशाला मथुरा के मुख्य बाजार के पास स्थित है। यहां आपको स्वच्छ और सुविधाजनक कमरे मिलेंगे।
  2. Birla Dharamshala: यह भी एक बड़ी और लोकप्रिय धर्मशाला है, जहाँ ठहरने की अच्छी सुविधाएं होती हैं।
  3. Radha Swami Satsang Bhawan: यह धर्मशाला आवासीय और शांत स्थल पर स्थित है, और इसमें सुविधाजनक कमरे और शुद्ध शाकाहारी भोजन की व्यवस्था होती है।
  4. Jai Gurudev Ashram: यह धर्मशाला मथुरा-वृंदावन मार्ग पर स्थित है, और यहां ठहरने की बड़ी संख्या में कमरे होते हैं।

धर्मशालाओं में रूम बुक करने से पहले, कृपया उनकी उपलब्धता और दरों की जांच करें, क्योंकि यह मौसम और त्योहारों के आधार पर बदल सकते हैं।

मथुरा में खाने-पीने की व्यवस्था? | मिठाई

मथुरा अपने मिठाई के पेडो के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा मथुरा में आपको खाने में मथुरा की फेमस कचोरी, जलेबी, लस्सी आदि सब कुछ मिल जाएगा।

दोस्तों इसके अलावा अगर मथुरा के बारे में आपके पास कोई और सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट में जरूर बताएं मिलते हैं इसी तरह की किसी नए लेख के साथ तब तक के लिए टेक केयर बाय।

मथुरा से वृंदावन कैसे जाएं

मथुरा से वृंदावन का सफर आसान है और कई तरीकों से किया जा सकता है।

  1. बस: मथुरा के बस स्टैंड से वृंदावन के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं। ये एक सस्ता और सुविधाजनक तरीका हो सकता है, खासकर अगर आपके पास कम सामान है।
  2. ऑटो रिक्शा: मथुरा से वृंदावन तक ऑटो रिक्शा एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर अगर आप अपने समय को नियंत्रित करना चाहते हैं।
  3. टैक्सी: यदि आप अधिक सुविधा चाहते हैं, तो आप एक प्राइवेट कार या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। इससे आपको अपनी यात्रा की गति और समय पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा।
  4. इ-रिक्शा: मथुरा और वृंदावन दोनों में इ-रिक्शा सेवाएं उपलब्ध होती हैं, जो पर्यावरण के लिए एक सुस्तैनेबल विकल्प हैं।

सफर का समय आमतौर पर 30 से 45 मिनट होता है, लेकिन यह यातायात की स्थिति पर निर्भर कर सकता है।

मथुरा का पुराना नाम

मथुरा का पुराना नाम “मधुपुरी” था। यह कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में जानी जाती है। मधुपुरी या मधुवन का उल्लेख हिन्दू पवित्र ग्रंथों, जैसे कि भागवत पुराण में भी है। इस शब्द का अर्थ होता है ‘मधु (शहद) का नगर’ या ‘मधु (मधुर) का नगर’.

वृंदावन जाने में कितना खर्चा होता है?

वृंदावन 1 दिन ओर 1 रात घूमने का खर्च लगभग ₹2500 के आसपास होगा

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